समुन्दर का शिकारी : सम्राट मार्टिन की सल्तनत(भाग - 14)
. ये कम से कम उसके लिए सुकून कि बात थी. लेकिन जैसे ही सामने विस्फोट के कारण उत्पन्न अग्नि और धुआँ हटा.. मॉर्गन दहड़ता हुआ फरसे के साथ एकदम सही सलामत खड़ा हुआ दिखा और उसने अपने फरसे को बेलाडोना पर धीरे -धीरे मारने लगा... जिसके कारण समुन्दर कि लहरे और ऊपर उठने लगी...
"नामुमकिन है ये... ये बच कैसे गया..."नायर कौहतुलवश बस इतना ही कह पाया....
"कप्तान नायर.. अब हम दोनों को एक टीम बनकर इसका मुकाबला करना होगा.. हमारे आपसी मतभेद बाद मे सुलझा लेंगे, यदि जिन्दा बच्चे तो.."अपना हाथ नायर की तरफ बढ़ाते हुए हुए रॉन बोला..
"तुम उतने भी बुरे नही हो.. मै तैयार हूँ .."रॉन से हाथ मिलाते हुए नायर बोला...
जब वो मानव ड्रैगन अपने फरसे को बेलाडोना कि डेक पर ठोकते हुए उन दोनों कि तरफ बढ़ने लगा तो रॉन, नायर कि तरफ मुड़ा...
"तैयार कप्तान...?"
"तैयार.. रॉन..."
"चलो फिर.. दौड़कर हमला करते है... अब या तो आर या फिर पार "अपने पीठ के पीछे से बँधी हुई तलवार खींचते हुए रॉन ने कहा
"चलो.."कहकर... नायर मॉर्गन की तरफ तुरंत दौड़ा... पर रॉन वही अपनी जगह पर खड़ा नायर को मॉर्गन की तरफ जाते हुए देखता रहा....
"अबे चल ना... सोच क्या रहा.."रॉन को अपने साथ ना आता देख, नायर भी रुक गया...
"हाँ आया... "धीरे धीरे नायर के पास आकर रॉन बोला "मै तेरी तरह पागल थोड़ी हूँ , जो उस दरिंदे से लड़ूंगा..."
रॉन ने नायर को तुरंत मॉर्गन की तरफ धक्का दिया और वहा से भाग गया.नायर, इसके लिए तैयार नही था.. उसने तो यही सोचा था की रॉन और वो.. दोनों मिलकर मॉर्गन से लड़ेंगे... पर... यहाँ तो नायर, जाकर सीधे मॉर्गन से टकराया...
"वो लोग बेवकूफ है जो किसी दुसरो पर पर भरोषा करते है..."नायर की गर्दन दबोच कर मॉर्गन बोला और नायर को गर्दन से पकड़कर एक हाथ से ऊपर उठाते हुए हवा मे ऊपर फेक दिया जिसे.. हवा मे ही जहाज के ऊपर उड़ रहे एक ड्रैगन ने लपक लिया
"रोननननन.... "मॉर्गन की दहाड़ पुरे वातावरण मे एक बार फिर गुंजी... मॉर्गन के सामने जो भी आता उसे वो ज़िंदा काटते हुए खून की नदिया बहा रहा था. मॉर्गन की इस दरिंदगी को देख वहा मौज़ूद हर कोई अपनी आखिरी साँसे गिनने लगा की यदि ड्रैगन से बच भी गए कैसे भी करके तो... ये नही छोड़ेगा... जहाज के अंदर खिड़की से नायर को ड्रैगन के चंगुल मे देख और रॉन कि मक्कारी रिया से बर्दाश्त नही हुई और वो भी एक बन्दूक लेकर जहाज के बाहर डेक पर आ गई.. जहा चारो तरफ कोहराम मचा हुआ था.. कौन, कब, कैसे मर रहा था.. इसकी कोई गारंटी नहीं थी... रिया गुस्से मे जहाज के अंदर से ही गोलिया बरसाते हुए बाहर निकली और सामने मौज़ूद एक ड्रैगन पर बिना रुके फायरिंग करने लगी...
रिया को पिछली लड़ाई से मालूम था की ड्रैगन की मोटी चमड़ी पर बन्दूक की गोलियों का ज्यादा असर नही होता, इसलिए उसने ड्रैगन के सर को निशाना बनाया.. रिया के बन्दूक से लगातार निकलने वाली गोलियों मे से कुछ गोलिया ड्रैगन के आँख मे भी लगी और उस ड्रैगन की दोनों आँखे फोड़ दी. लेकिन इसके बाद भी रिया नहीं रुकी और बेहताशा उसी अंधे हो चुके ड्रैगन पर गोलिया बरसाती रही. उसकी आंख फुटने के बाद उसकी आँखों के रास्ते कई बुलेटस अंदर घुसती गई जो उसके भेजे तक जा पहुंची... वो ड्रैगन उल्टा जहाज के नीचे गिरा...
"बन्दूक अच्छा चला लेती हो..."वही पास खड़े राज ने कहा.. "कहा से सीखा "
"बचपन मे एक पुलिसवाले का रेवोल्वर छीन लिया था और मस्ती मस्ती मे उसी की खोपड़ी उड़ा दी थी... उम्मीद है, अब ये सवाल दोबारा नही पूछोगे.."
"Yes, mam"राज मुस्कुराया...
रिया ने जिस ड्रैगन को मारा था, वो जोड़ा ड्रैगन था.. यानी कि एक नर... वही मौजूद उस जोड़े कि मादा ने अपनी पूरी ताकत से बेलाडोना पर आग फेका... जिसकी चपेट मे पास मे उड़ता हुआ एक और ड्रैगन तक आ गया.. लेकिन वो मादा ड्रैगन नहीं रुकी... रिया को मुसीबत मे देख राज ने रिया को इंजन चैम्बर कि दीवार कि तरफ धक्का दिया और दीवार से सटा कर अपने कपडे उतारे और ड्रैगन कि तरफ अपनी पीठ करके रिया से चिपक कर खड़ा हो गया...
"ये क्याआ.... क्या.. छोडो.. मुझे..."
तभी आग कि लपटो ने राज को अपनी चपेट मे ले लिया.. शुरुआत मे तो राज का शरीर जला और वो दर्द से तड़प उठा लेकिन जैसे ही उसके पीठ के निशान अग्नि मे चमकने लगे... उसके शरीर का जल चुका अंग, अधजला अंग वापस से पहले कि तरह ठीक होने लगा.... Infact, जैसे निशान उसके पीठ मे थे.. वैसे ही कई और नये निशान राज के पुरे शरीर मे आग मे जलने के कारण बनने लगे और थोड़ी देर बाद उन्ही निशानो से अग्नि के रंग का प्रकाश निकलने लगा.. जिसने ड्रैगन कि आग को और राज के बीच एक कवच का निर्माण कर दिया.. अब ड्रैगन के मुँह से निकलने वाली विशाल आग.. राज को छू तक नहीं पा रही थी... रिया और राज एक कवच के अंदर सुरक्षित थे...
राज ने अपने सीने कि तरफ देखा.. जब उसके सीने मे भी निशान बनने लगे और उनसे प्रकाश कि तीव्र बीम निकलने लगी तो राज पलटकर एकदम सीधा उस ड्रैगन कि तरग अपना चेहरा करके खड़ा हो गया... वो मादा ड्रैगन.. गुस्से मे... ऊपर नीचे, दाये बायें उड़ते हुए हर जगह से राज पर अग्नि कि वर्षा करती रही... लेकिन उसकी वो विशाल अग्नि ने कवच को भेद कर राज को छू तक नहीं पाई... उल्टा राज को मारने कि कोशिश मे उस मादा ड्रैगन ने अपने ही कई साथी ड्रैगन्स तक को जला दिया था, साथ ही बेलाडोना के कई जहाजियो को भी...
मॉर्गन ने अपने पगलाये एक ड्रैगन को देख फरसा हवा मे उठाया और बडी अजीब तरीके से कुछ बोला... जिसके बाद वहा उस मादा ड्रैगन पर उसी के कई साथी ड्रैगन्स ने हमला कर दिया... वो उसे चारो ओर से अपने विशाल, खूंखार दांतो से कच्चा चबाने लगे और उस मादा ड्रैगन के जीवन और प्रतिशोध का अंत कर दिया.... राज पर अग्नि कि वर्षा बंद होते ही उसके शरीर के निशान पहले कि तरह नार्मल होते गये और उन निशानो से निकलने वाला प्रकाश पुंज अदृश्य होने लगा.. साथ ही उसके चारो ओर का वो कवच भी... रिया तो मानो भौचक्की रह गई ये सब देखकर... उसने अपनी आँखे कई बार मली, कि शायद ये सपना हो...
"आज ये निशान जल नहीं रहे...?? मै सारी जिंदगी अपने शरीर के इन निशानो को श्राप समझता रहा.. लेकिन आज पता चला कि ये निशान श्राप नहीं अपितु मेरे लिए वरदान है... क्या मेरी माँ कि मौत इन्ही निशानो के कारण तो नहीं हुई थी...?" राज ने खुद से सवाल किया....
"इसको भी हमारे सामने अभी ही आना था... "मॉर्गन को सामने देख रिया ने बन्दूक कि दिशा मॉर्गन के ओर की.
रिया के बन्दूक से निकलने वाली हर गोली मॉर्गन को लगने के बावजूद भी उसे नही लग रही थी... मतलब मॉर्गन को कोई असर ही नही हो रहा था. गोलिया मॉर्गन के शरीर से जुड़े काले रंग के कवच से टकराता तो जरूर, पर फिर एकाएक अपने आप विलुप्त हो जाता... मॉर्गन ने दहाड़ मारते हुए अपना फरसा रिया के गले को निशाना बनाकर फेका पर राज ने रिया को का हाथ पकड़ कर नीचे झुकते हुए एक ओर कूदा.. जिससे फरसा सीधे जाकर इंजन रूम कि दीवार से जा लगा और उसने उस दीवार को एक पल मे देखते ही देखते पूरा तोड़ कर बिखेर दिया...
"आशिक़ी... बर्बादी कि ओर ले जाना वाला इंसानी कदम... नफरत है मुझे इससे... "राज और रिया को देख मॉर्गन की लाल तपती आँखे और तपने लगी...
मॉर्गन ने नीचे पड़ा अपना फरसा उठाया और अबकी बार उसका निशाना रिया नहीं, बल्कि राज की गर्दन थी, उसने फरसा एक बार फिर घुमाया पर राज तुरंत नीचे झुक कर अपनी पूरी ताकत से मॉर्गन के घुटनो पर एक लात मारी, जिससे मॉर्गन लड़खड़ाते हुए कुछ कदम पीछे हुआ, मॉर्गन के लिए ये करना नामुमकिन था कि उसे एक तुच्छ मानव हिला भी सकता है... पर राज ने यहाँ गलती कर दी थी, वो मॉर्गन पर हमला करने के चक्कर मे रिया से थोड़ा दूर आ चुका था... मानव ड्रैगन-मॉर्गन अपनी आँखों मे अंगारे लिए गुस्से से रिया की तरफ फरसा दूर से ही फेक दिया...
फरसे को अपनी तरफ आता देख रिया की जान हलक पर आ गई और उसने अपनी आँखे बंद कर ली. राज जान गया की अब क्या होने वाला है... वो तुरंत दौड़कर रिया की तरफ मुँह करके रिया के सामने खड़ा हो गया और मॉर्गन का वो फरसा सीधे आकर राज के पीठ मे धंस गया... इस बार उसके शरीर के निशानो ने उसका साथ नहीं दिया. वो शायद सिर्फ आग से ही उसकी रक्षा कर सकते थे या फिर कुछ देर पहले उनके इस्तेमाल से उनमे इतनी शक्ति नहीं बची थी कि वो इतनी जल्दी दोबारा तेज प्रकाश का कवच पैदा कर सके...
मॉर्गन का फरसा सीधे जाकर राज कि पीठ मे अंदर तक जा घुसा... मानव ड्रैगन का वो विशाल फरसा इस तरह राज के शरीर को भेदा कि पीठ मे घुसे फरसे कि धर ने सामने सीने कि तरफ तक राज के चमड़ी को काट कर निशान बना दिया... राज कि आँखों से आंसू निकाल आए.... रिया ने अपनी आँख खोली और राज को सामने देख... उसकी आँखों मे आंसू देख उसकी आँखों मे भी आंसू आ गए... राज के शरीर मे जब तक जान थी, वो वही रिया के चेहरे को देखता रहा और फिर वही नीचे गिर गया पर नीचे गिरने से पहले उसने रिया को वहा से भागने के लिए कहा
इतने मे जहाज मे मौज़ूद किसी की नजर ड्रैगन के पंजे मे कैद कैप्टन नायर पर पड़ी.. जो ड्रैगन के पंजे मे कैद अपनी ज़िन्दगी के लिए संघर्ष कर रहा था..
"कप्तान नायर की मदद करो.... कप्तान नायर की मदद करो... कोई छुड़ाओ उन्हें उस समुद्री दानव के चंगुल से..."
ड्रैगन्स की ताबही अब भी जारी थी, डमॉर्गन ने बेलाडोना मे मौज़ूद लगभग आधे लोगो को काटकर रक्त कि नदिया बहा दी थी, पूरा बेलाडोना लाल रक्त मे नहा चुका था और बहुत जल्द वो बाकियो को भी जिन्दा काटने वाला था.... आदित्य की नजर, ड्रैगन के पंजे मे कैद नायर पर पड़ी...
"ले साले... मुझसे जुबान लड़ा रहा था... अब आ गई अकल ठिकाने... अब इस जहाज का कप्तान मै हूँ.. "नायर का ग्रेनेड लॉन्चर उठाकर आदित्य ने सोचा...
"कैप्टन आदि, हम नायर को क्यों नही बचा रहे..."रिया, आदित्य के पास आकर राज के मौत के गम को छिपकर बोली... उसको अब भी उस अंतिम घड़ी मे आंसू से छलकती हुई राज कि आँखे दिखाई दे रही थी...
"आपको दिख नही रहा.."आसमान मे उड़ते एक ड्रैगन पर ग्रेनेड लॉन्च करते हुए आदित्य बोला... "मै बिजी हूँ ..."
"यदि तुमने नायर को बचा लिया तो.. बेलाडोना का कप्तान मै तुम्हे घोषित कर दूंगी.. मै नही चाहती की मेरी वजह से कोई और........मरे "
"वो तो आपको यहाँ आने से पहले सोचना चाहिए था... मुझे बेलाडोना का कप्तान बनने का कोई लालच तो नही है, पर आप कहती है तो... ट्रॉय मार लेता हूँ.. Afterall, I'm Captain Aadi"आदित्य दौड़ते हुए जहाज के किनारे गया और RPG से उस उड़ते हुए ड्रैगन के सर को निशाना लगाने लगा, लेकिन नायर के उस ड्रैगन के पंजे मे फंसे होने के कारण आदित्य को मुश्किले आ रही थी.. क्यूंकि वो ड्रैगन कभी ऊपर हो जाता, तो कभी नीचे...
"क्या सोच रहे हो... जल्दी करो कुछ .."
"अबे ग्रेनेड .. उस ड्रैगन के पिछवाड़े के छेद मे चलाऊ या उसकी आँख मे... समझ नही आ रहा..."
"ये क्या बक रहे हो..."रिया बोली..
"अरे मैम.. आप यहाँ भी आ गई.. मैने सोचा कोई और है.. आप बस देखते जाओ.. बेलाडोना के नये कप्तान का कमाल..."
कहकर आदित्य ने ग्रेनेड लॉन्चर किनारे किया और ड्रैगन के उड़ने का एक पैटर्न दिमाग़ मे बिठा, चेक करने के लिए पहले बन्दूक से एक गोली चलाने का विचार किया और रिया के हाथ से उसकी बन्दूक लेकर उस ड्रैगन के सर पर निशाना लगाकर गोली चलायी.. आदित्य ने निशाना तो ड्रैगन के सर पर लगाया था पर उसी समय ड्रैगन ऊपर आसमान की ओर उड़ने लगा, जिससे गोली जाकर उसके पंजे से लटक रहे नायर के पैर मे लगी...
"अबे तेरी आँख है या ड्रैगन का पिछवाड़े का छेद.. साले... मुझपर गोली चला रहा है..."
"पैर ऊपर कर अपने... नालायक.. इतना नहीं मालूम कि आसमान मे सफर करते समय खिड़की से हाथ -पैर बाहर नहीं निकलना चाहिए... "जब गोली नायर के पैर मे लगी तो आदित्य उसकी ओर देख कर चिल्लाया..
आदित्य फिर से उस ड्रैगन पर निशाना साधने लगा की तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा...
"हाथ हटा बे... दिख नही रहा तुझे कि कैप्टन आदि, ड्रैगन पर निशाना लगा रहे है...."कहते हुए आदित्य ने उसका हाथ झड़क दिया... लेकिन उसने फिर से आदित्य के कंधे पर हाथ रख दिया....
"साले पहले तुझे मारता हूँ , पूरी की पूरी गोली तेरे भेजे मे डाल दूंगा... तेरी तो.. डिस्टर्ब करता है नालायक ."कहते हुए आदित्य गुस्से से पीछे मुड़ा और पीछे मुड़ते ही उसकी आँख फटी की फटी रह गई... सामने मॉर्गन खड़ा था...
मॉर्गन ने बिना समय गवाएं अपना फरसा चलाया, आदित्य तुरंत पीछे कि तरफ होकर किनारे पर लगे रेलिंग को पकड़ कर जितना हो सके पीछे झुक कर उस हमले से बच गया.. लेकिन मॉर्गन आगे बढ़ा और आदित्य के सीने मे कसकर एक लात मारी... आदित्य अपना संतुलन बरकरार नहीं रख पाया और मॉर्गन के प्रहार से उसके हाथ रेलिंग से छूट गये और वो बेलाडोना से सीधे नीचे गिर पड़ा... मॉर्गन की नजर फिर रिया पर पड़ी और वो उसकी तरफ बढ़ा...
रिया को देख मॉर्गन, अपने कोयले कि तरह काले दांतो से मुस्कुराया लेकिन उसी समय रिया को बचाने के लिए कई लोग एक साथ वहा मॉर्गन के सामने आ गए.. जिन्हे मॉर्गन ने बिना समय गवाएं एक पल मे ही एक साथ ही अपना फरसा घुमाकर उन सबकी गर्दने काट दी और वहा खून की धारा बहा दी...
रिया के पास अब एक ही रास्ता था और वो था दी रॉन.... वो वहा से भागते हुए रॉन को आवाज़ देने लगी... मॉर्गन भी उसी तरफ चला जिस तरफ रिया भाग रही थी.
रॉन को कही ना पाकर रिया एक जगह खड़ी हो गई और परेशानी मे जब वो पीछे मुड़ी तो उसे अपने सामने मॉर्गन दिखा जिसके फरसे से रक्त अब भी टपक रहा था. जो मॉर्गन की हैवानियत बयां करने के लिए काफी थी... अब रिया को अंदाजा हो गया था की वो अब नही बचेगी.. उसे यहाँ आना ही नही चाहिए था... रिया काँपने लगी.
"ज्यादा दर्द नही होगा... "कहकर मॉर्गन ने अपना फरसा उठाया की तभी पीछे से रॉन ने मॉर्गन के सर पर अपनी बन्दूक तान दी...
"रुक जा बे, कल्लू... नही तो जिन्दा जला दूंगा..."
मॉर्गन तुरंत बेझिझक, बिना किसी खौफ के पीछे मुड़ा...
"खाली बन्दूक चलाएगा..."
"मै धोखेबाज हो सकता हूँ , शराबी हो सकता हूँ... लड़कियों को झांसा देकर उनसे सम्भोग करने वाला हो सकता हूँ .. क्यों रिया बेबी... पर मै चुतिया नही हो सकता... मैने इसमें बारूद भर लिया है, इतनी देर से यही तो कर कर रहा था और बढ़िया दबा दबा के... भरा है. ताकि काम ना पड़ जाये.. और एक्स्ट्रा बारूद के पोटली मे भरकर अपने पास भी रखा हूँ.. ताकि अंदर ना जाना पडे......"
रॉन ने बारूद भर लिया है ये जानते ही मॉर्गन थोड़ा घबराया और एकाएक आहिस्ते-आहिस्ते उसके पैर पीछे हटने लगा..दुनिया मे किसी भी चीज से खौफ ना खाने वाला मॉर्गन उस पल अचानक रॉन के उस बन्दूक से खौफ मे था.. रॉन भी आहिस्ते आहिस्ते मॉर्गन की तरफ बढ़ा और फिर मुस्कुरा कर उसने ट्रिगर दबा दिया... एक तेज, भयंकर, दिल दहला देने वाली आग की ज्वाला बन्दूक से निकली और मॉर्गन आग की लपटो मे समा गया... मॉर्गन आग मे जलते हुए जहाज के किनारे की तरफ भागा और रॉन ने एक भाला तुरंत उठाया और मॉर्गन के कमर के नीचे पिछवाड़े के छेद को निशाना बनाकर वो भाला फेका, जो सीधे मॉर्गन के पिछवाड़े मे जा घुसा...
Zaifi khan
30-Nov-2021 06:55 PM
Excellent
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Hayati ansari
29-Nov-2021 08:20 AM
Awesome
Reply
Farhat
27-Nov-2021 12:47 AM
Bahut bahut pyara likha he
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